लेखनी कहानी -22-Jul-2022 तेरे बिन
मुक्तक
तेरे बिन एक पल भी अब जीना मुश्किल लगता है
दिल की कश्ती का मुझको तू ही साहिल लगता है
जिधर देखूं उधर तुम हो सांसों में निगाहों में तुम हो
गर तू नहीं तो बहारों का मौसम भी बोझिल लगता है
मेरी जिन्दगी में जब से तुम मेहमान बनकर आये हो
ख्वाबों में खयालों में हसीन अरमान बन कर छाये हो
बेरंग सी इस जिंदगी को प्यार के रंग से रंग दिया तुमने
ऐसा लगता है कि जानम अब मेरे दिल में ही समाए हो
विश्वास की इस डोर को कभी टूटने ना देना तुम
हाथ पकड़ के मेरे रहनुमा साथ ना छोड़ देना तुम
कैद करके रख लो हमको अपनी आंखों में सनम
मेरे हमदम मेरे साथी मेरे खुदा मेरी जान हो तुम
श्री हरि
22.7.22
Profile | Name | View |
---|---|---|
![]() |
Aliya khan | View |
![]() |
देविका रॉय | View |
![]() |
सिया पंडित | View |
![]() |
Lotus🙂 | View |
![]() |
Arman | View |
![]() |
Pamela | View |
![]() |
Marium | View |
![]() |
Abhinav ji | View |
![]() |
Sachin dev | View |
![]() |
Muskan khan | View |
![]() |
Haaya meer | View |
![]() |
Teena yadav | View |
![]() |
Milind salve | View |
![]() |
Chetna swrnkar | View |
![]() |
Shnaya | View |
![]() |
Reyaan | View |
![]() |
नंदिता राय | View |
![]() |
Khushbu | View |
![]() |
Rahman | View |
![]() |
Gunjan Kamal | View |
![]() |
Raziya bano | View |
![]() |
Saba Rahman | View |
Please login to leave a review click here..
नंदिता राय
25-Jul-2022 04:28 PM
शानदार प्रस्तुति 👌
Reply
Shnaya
25-Jul-2022 03:35 PM
शानदार प्रस्तुति
Reply
Reyaan
25-Jul-2022 03:18 PM
बहुत ही सुन्दर
Reply